शिक्षक बनने के लिए जो लोग बीएड या डीएलएड की डिग्री हासिल करना चाहते हैं, उनके लिए एक बड़ी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने एनआईओएस (National Institute of Open Schooling) के माध्यम से प्राप्त डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) की डिग्री को मान्यता दे दी है। इस आदेश के बाद, अब 13 लाख से अधिक शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। यह आदेश उन शिक्षकों के लिए राहत की बात है, जिन्होंने एनआईओएस के तहत डीएलएड कोर्स किया था और इस कोर्स की वैधता को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे।
NIOS डीएलएड अभ्यर्थियों को मिल गई मान्यता
एनआईओएस द्वारा संचालित डीएलएड कोर्स लंबे समय से विवादों में था। कई राज्य और संस्थाएं इसकी वैधता पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस कोर्स को मान्यता दे दी है। इसका मतलब यह है कि अब एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षक, प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश राज्यों को भी जारी किया है कि अब इस कोर्स के डिग्री धारक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
एनआईओएस डीएलएड कोर्स एक 18 महीने का कार्यक्रम है, जो विशेष रूप से प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए डिजाइन किया गया है। यह कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए उपयुक्त है जो प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं। हालांकि, पहले इस कोर्स की वैधता पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले से अब इस कोर्स के डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा।
NIOS डीएलएड अभ्यर्थियों को मिलेगा प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अवसर
डीएलएड के उम्मीदवारों के लिए अच्छा मौका: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, एनआईओएस डीएलएड के सभी अभ्यर्थी अब प्राथमिक शिक्षक भर्ती में हिस्सा लेने के पात्र होंगे। इसके बाद, राज्य सरकारें भी इस कोर्स को मान्यता देने के लिए बाध्य होंगी। यह एक बड़ी राहत है उन अभ्यर्थियों के लिए, जिन्होंने एनआईओएस के तहत डीएलएड किया था और अपनी डिग्री के आधार पर शिक्षक बनने का सपना देखा था।
क्या बीएड अभ्यर्थी भी अब प्राथमिक क्या फॉर्म भर पाएंगे
बीएड अभ्यर्थियों के लिए क्या स्थिति है? अब एक सवाल यह उठता है कि क्या बीएड डिग्री धारक भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी 11 अगस्त 2023 को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया। इस आदेश के अनुसार, बीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल होने का कोई अवसर नहीं मिलेगा। इसका कारण यह है कि बीएड के तहत दी जाने वाली ट्रेनिंग प्राथमिक विद्यालय स्तर की शिक्षा के लिए नहीं होती, बल्कि यह उच्च स्तर की शिक्षा के लिए होती है। इसलिए बीएड अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए योग्य नहीं माने गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और इसका प्रभाव: सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश न केवल एनआईओएस डीएलएड के उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि इससे राज्य सरकारों को भी स्पष्ट दिशा मिल गई है। अब, सभी राज्य अपनी प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एनआईओएस डीएलएड डिग्री धारकों को शामिल करने के लिए बाध्य होंगे। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कोर्स | मान्यता स्थिति | अवसर |
---|---|---|
एनआईओएस डीएलएड | मान्यता प्राप्त | प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकते हैं |
बीएड | अमान्य | प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन नहीं कर सकते |